नारी की पीड़ा समझने के लिये , स्वयं नारी बनना पड़ता है । नारी की पीड़ा समझने के लिये , स्वयं नारी बनना पड़ता है ।
निवास खण्ड माता प्रकृति वेदी खण्ड माता प्रकृति निवास खण्ड माता प्रकृति वेदी खण्ड माता प्रकृति
स्वतंत्रता संग्राम पर इस घटना का बड़ा गहरा असर हुआ, स्वतंत्रता संग्राम पर इस घटना का बड़ा गहरा असर हुआ,
तुम कितनी सुलझी हुई हो ना, जैसे की कोई रेशम का धागा, कितना भी करो हमेशा सुलझा। तुम कितनी सुलझी हुई हो ना, जैसे की कोई रेशम का धागा, कितना भी करो हमेशा सुलझा।
मिलकर चलो ख़ुशियाँ फैलाएँगे प्रीत की डोरी से जग को बाँधेंगे! मिलकर चलो ख़ुशियाँ फैलाएँगे प्रीत की डोरी से जग को बाँधेंगे!
पुष्प-सार का है मधुवन पुष्प-गुच्छक से झूमे उपवन। पुष्प-सार का है मधुवन पुष्प-गुच्छक से झूमे उपवन।